सोमवार, 7 दिसंबर 2020

चलता रहे कुछ कुछ

कुछ पुरानी फाइलें देखने लगा तो दैनिक ट्रिब्यून में करीब दो साल तक चले अपने कॉलम चरित चर्चा का कुछ मैटर दिख गया। इनमें से एक मैटर को उठा लिया क्योंकि उनसे ईमेल पर वार्तालाप भी चली। कुछ जानकारी मैंने उनसे मांगी ताकि बात सटीक हो। इसी तरह नयी दुनिया में स्कैच कॉलम भी बहुत लंबे समय तक चला। जब मैटर दिख गया तो लगे हाथ एक छोटा सा पीस डॉ विवेक मूर्ति पर लिख डाला। ब्लॉग पर कुछ-कुछ जुगाली जारी रहनी चाहिए ना। 

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