सोमवार, 7 दिसंबर 2020

डॉ विवेक मूर्ति : अमेरिका में हुनर को फिर सम्मान

केवल तिवारी

पुश्नीतैनी तौर पर भारत के कर्नाटक से ताल्लुक रखते हैं। जन्म हुआ इंग्लैंड में। अब अमेरिकी हैं। अभी उम्र मात्र 43 वर्ष है। डॉक्टर हैं। अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा के प्रशासन में स्वास्थ्य से संबंधित समिति में बड़े ओहदे पर थे। ट्रंप प्रशासन ने जिम्मेदारी छीन ली। अब जो बाइडेन का कार्यकाल शुरू होने को है तो इन्हें फिर से उसी पद की जिम्मेदारी दी गयी। नाम है विवेक मूर्ति। 

Dr. Vivek murthy

विवेक जब बच्चे ही थे तभी इनका परिवार इंग्लैंड से अमेरिका चला गया। उन्होंने हार्वर्ड यूनिवर्सिटी, येल स्कूल ऑफ मेडिसिन और येल स्कूल ऑफ मैनेजमेंट से पढ़ाई की है। बॉस्टन के ब्रिगम एंड वीमेंस अस्पताल से इंटरनल मेडिसिन रेसीडेंसी पूरी करने के बाद उन्होंने हार्वर्ड मेडिकल स्कूल में बतौर फैकल्टी ज्वाइन किया। अपनी लगन और मेहनत के बल पर आगे बढ़ते रहने वाले विवेक मूर्ति ओबामा प्रशासन के दौरान अमेरिका के 19वें जनरल सर्जन नियुक्त किए गए। उस वक्त यह पद हासिल करने वाले सबसे कम उम्र (37 साल) के थे विवेक। बाद में वर्ष 2017 में डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन ने उन्हें इस पद से हटा दिया।

इस बीच, कोरोना महामारी का दौर चला और इसी माहौल में अमेरिका में चुनावी गहमागहमी शुरू हो गयी। ऐसे में प्रचार के दौरान विवेक, बाइडेन के टॉप एडवाइजर्स टीम में शामिल किए गए। विवेक मूर्ति लगातार बाइडेन को ब्रीफ करते थे और नीतियां बनाने में मदद करते थे। अब जब चुनाव परिणाम आ गये और जो बाइडेन को अगरा राष्ट्रपति घोषित किया गया तो उन्होंने कोविड—19 पर अपने प्रमुख सलाहकार एवं भारतीय मूल के अमेरिकी डा. विवेक मूर्ति को अगला सर्जन जनरल नियुक्त करने की घोषणा कर दी। अमेरिकी मीडिया की खबरों में कहा गया है कि अमेरिका के पूर्व सर्जन जनरल विवेक एच मूर्ति को पुरानी भूमिका अदा करने के लिये कहा गया है। अमेरिका में सर्जन जनरल का कार्यकाल चार साल का होता है और वह सार्वजनिक स्वास्थ्य के मामलों में सरकार का शीर्ष अधिकारी होता है। डॉक्टर्स फॉर अमेरिका के सह संस्थापक डॉ मूर्ति ने कई अस्पतालों में काम किया है। भारतीय मूल के डॉ विवेक मूर्ति को इस नयी जिम्मेदारी की बहुत-बहुत बधाइयां। 

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