मंगलवार, 24 नवंबर 2020

तो यह ब्लॉग भी मेरा ही निकला, चलिए कुछ हो जाये

केवल तिवारी

मुझसे कई लोगों ने कई बार अपनी ईमेल आईडी बनवाई। कभी आईआरसीटीसी पर लॉगइन के बारे में पूछा। यही नहीं कुछ लोगों ने फेसबुक अकाउंट के बारे में जानकारी मांगी तो कुछ ने ब्लॉग भी बनवाया। इस चक्कर में कई जगह मुझे अपना ही फोन नंबर देना पड़ा। उसके कारण बाद में अगर उस फोन नंबर का किसी अन्य समान प्लेटफॉर्म पर इस्तेमाल करना पड़ता तो मैसेज आता ‘This number already used in..’ कई बार लगता कि गलत कर दिया फिर मन ही मन सोचता चलो कोई बात नहीं। होता है ऐसा। हालांकि मैं बहुत तकनीकी समझ रखने वाला व्यक्ति नहीं हूं, लेकिन अगर कोई काम करना हो तो घंटों लगाकर कर ही डालता हूं। जैसे मुझसे कई गुना ज्यादा smart लोग अखबार का पेज बनाना नहीं जानते थे, लेकिन सीखा मैंने भी कहीं से नहीं था, जब लगा कि यह जरूरी है तो बनाने लग गया। चंडीगढ़ आया तो कई बार स्मार्ट फोन की जरूरत महसूस हुई। लोग पूछते व्हाट्सएप इस्तेमाल करते हैं? फिर स्मार्ट फोन लिया, उसके कई फीचर सीखे। पता चला मैं तो बहुत देर से स्मार्ट हुआ हूं। लोग तो पहले से ही ऐसे हैं। बस कुछ काम नहीं जानते, टाइपिंग नहीं आती वगैरह-वगैरह तो क्या हुआ। उसकी शायद बहुत जरूरत उन्हें नहीं लगती। खैर बात अपनी कर रहा हूं। आज मैं अपना ब्लॉग http://ktkikanw-kanw.blogspot.com/देख रहा था। उसमें मैंने कुछ अन्य ब्लॉग को टैग कर रखा है। सभी को खोलकर देखा। उन्हीं में से एक ब्लॉग और दिखा http://avrodhpratirodh.blogspot.com/उसे खोला तो उसमें कोई पोस्ट नहीं थी और जिक्र भी मेरा ही था। तब याद आया कि यह ब्लॉग मैंने किसी के लिए बनाया था, शायद उन्होंने फिर इसका इस्तेमाल नहीं किया। अब मेरा मन है कि इसमें अपनी डायरी के पन्नों को लिखूं। कुछ सलेक्टेड पन्नों को या ऐसा ही कुछ और। देखते हैं क्या रहता है। फिलहाल तो शुरुआत कर ही लेता हूं।

 


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